Skip to main content

Posts

Showing posts from December, 2013

इतनी शक्ति हमें देना दाता Itni Shakti Hame Dena Data - Hindi School Prayer

विद्यालय प्रार्थना (Vidhyalaya Prarthna in Hindi - School Prayer Lyrics) इतनी शक्ति हमें देना दाता (Itni Shakti Hame Dena Data) मन का विश्वास कमजोर हो ना (Man ka vishvas kamjor ho na) हम चलें नेक रस्ते पे, (Ham chalen nek raste pe) हमसे भूलकर भी कोइ भूल हो ना (Hamse Bhoolkar bhi koi bhool ho na) इतनी शक्ति हमें देना दाता (Itni Shakti Hame Dena Data) मन का विश्वास कमजोर हो ना (Man ka vishvas kamjor ho na) हम चलें नेक रस्ते पे, (Ham chalen nek raste pe) इतनी शक्ति हमें देना दाता (Itni Shakti Hame Dena Data) दूर अज्ञान के हो अंधेरे (Door agyaan ke ho andhere) तू हमें ज्ञान की रोशनीं दे (tu hamen gyaan ki roshni de) हर बुराई से बचते रहें हम (Har Burai se bachte rahen ham) जितनी भी दे, भली जिन्दगी दे (Jitni bhi de, bhali Jindgi de) बैर हो ना किसि का किसी से (Bair ho naa kisi ka kisi se) भावना मन में बदले कि हो ना (Bhavna man mein badle ki ho na) हम चलें नेक रस्ते पे,  (Ham chal saken nek raste pe) हमसे भूलकर भी कोइ भूल हो ना (Hamse Bhoolkar bhi koi bhool ho na) इतनी श

रहीम के दोहे Rahim ke Dohe Hindi Meaning

रहीम के दोहे (Rahim ke Dohe) रहीम के दोहों की कुछ पंक्तियाँ यहाँ दी गयी हैं और उनका भावार्थ भी दिया गया हैं | Here is a list of Rahim ke dohe with hindi language meaning / bhavarth. Here some doha's mean described below : रहिमन मनहि लगाईं कै, देखि लेहू किन कोय नर को बस करिबो कहा, नारायन बस होय भावार्थ - रहीम जी कहते हैं कि मन लगाकर कोई काम कर, देखें तो कैसे सफलता मिलती है। अगर अच्छी नीयत से प्रयास किया जाये तो नर क्या नारायण को भी अपने बस में किया जा सकता है। रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुहँ स्याह नहीं छलन को परतिया, नहीं कारन को ब्याह अर्थ: रहीम जी कहते हैं कि कुछ समय के लिए मनुष्य अपने मुहँ पर कालिमा क्यों लगाए? दूसरी स्त्री को धोखा नहीं दिया जाता और न ही विवाह ही किया जा सकता| भावार्थ - दूसरी स्त्री को प्रेम का दिखावा कर उसे धोखा देना ही है, और उससे विवाह कर तो निभाया भी नहीं जा सकता| कोई पुरुष एक समय में दो स्त्रियों के साथ एक जैसा प्रेम नहीं कर सकता| अत उसे एक विवाह ही करना चाहिए| गुन ते लेत रहीम जन, सलिल कूप ते काढि कूपहु ते कहूँ होत है, मन काहू को बाढी

कबीर के दोहे सूची (List of KABIR DAR KE DOHE)

कबीर के दोहे (Kabir ke Dohe) कबीर के दोहों की कुछ पंकितियों नीचे एक सूची में हैं Kabir das is famous for their Doha and peoples made conversion according to their language as in hindi, english, etc. Here is list of Kabir das ke dohe shown below. जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहिं। प्रेम गली अति सॉंकरी, तामें दो न समाहिं।। (Jab main tha tab hari nahi, ab hari hain main nahi Prem gali ati saukri, taamen do na samahin) जहां दया तहं धर्म है, जहां लोभ तहं पाप। जहां क्रोध तहं काल है, जहां क्षमा आप॥ चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह। जिनको कछू न चाहिए, सोई साहंसाह॥ हीरा पड़ा बाज़ार में, रहा छार लपटाय। बहुतक मूरख चलि गए, पारख लिया उठाय॥ बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिल्य कोए। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोए॥ चलती चाकी देख के, दिया कबीरा रोई। दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोई॥ माया दीपक नर पतंग, भ्रमि भ्रमि ईवै पडंत। कहै कबीर गुरु ज्ञान ते, एक आध उबरंत॥ माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय । एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥ पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पं

कबीर के दोहे Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

संत कबीर के दोहे (Sant Kabir ke Dohe ) कबीर के दोहों की कुछ पंक्तियाँ यहाँ दी गयी हैं और उनका भावार्थ भी दिया गया हैं | Here is a list of Sant Kabir dast ke dohe with hindi meaning. Here some doha's mean described below : कुटिल वचन सबतें बुरा, जारि करै सब छार। साधु वचन जल रूप है, बरसै अमृत धार।। भावार्थ- कबीर जी कहते हैं कि कटु वचन बहुत बुरे होते हैं और उनकी वजह से पूरा बदन जलने लगता है। जबकि मधुर वचन शीतल जल की तरह हैं और जब बोले जाते हैं तो ऐसा लगता है कि अमृत बरस रहा है। शब्द न करैं मुलाहिजा, शब्द फिरै चहुं धार। आपा पर जब चींहिया, तब गुरु सिष व्यवहार।। भावार्थ - कबीर दास जी कहते हैं कि शब्द किसी का मूंह नहीं ताकता। वह तो चारों ओर निर्विघ्न विचरण करता है। जब शब्द ज्ञान से अपने पराये का ज्ञान होता है तब गुरु शिष्य का संबंध स्वतः स्थापित हो जाता है। कबीर गर्व न कीजिए, ऊंचा देखि आवास काल परौं भूईं लेटना, ऊपर जमसी घास भावार्थ - कबीर दास जी कहते हैं कि अपना शानदार मकान और शानशौकत देख कर अपने मन में अभिमान मत पालो जब देह से आत्मा निकल जाती हैं तो देह जमीन पर रख दी

आठ दिशाएँ Dishaen - Eight Directions Hindi Name

आठ दिशाएँ ( Eight Hindi Directions Name ) भारत में दिशाएँ आठ प्रकार की होती हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं Here is a list having hindi names of eight directions in Indian Hindu Culture : पूर्व दिशा  (Purv Disha - East) - ईशान (Eeshan) उत्तर दिशा  (Uttar Disha - North) - वायव्य (Vaayvy) पश्चिम दिशा  (Pashchim Disha - West) - नैऋत्य (Nairrty) दक्षिण दिशा (Dakshin Disha - South) - आग्नेय (Aagney)

छः ऋतुएँ Name of Six Rituyen - Indian Seasons

छः ऋतुएँ (Rituen in India) भारत में मौसम को ऋतु भी कहते हैं ये ऋतुएँ छः प्रकार की होती हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं Here is a list of names of six ritu in Indian Hindu Seasons serial wise : वसंत ऋतु (Vasant Ritu) ग्रीष्म ऋतु (Grisham Ritu) वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) शरद ऋतु (Sharad Ritu) हेमंत ऋतु (Hemant Ritu) शिशिर ऋतु (Shishir Ritu)

हिन्दू माह Hindu Months Name in Hindi Calendar

हिन्दू कलेंडर माह ( Hindu Calendar Hindi Months Name ) Here is a list of Hindi month names in Indian Hindu Calendar serial wise : चैत्र माह (चैत) - Chaitra Mah वैशाख माह (बैसाख) - Baishakh Mah ज्येष्ठ माह (जेठ) - Jyeshth Mah आषाढ़ माह - Aashaad Mah श्रावण माह (सावन) - Shraavan Mah भाद्रपक्ष माह (भादों) - Bhadra paksh - Bhadon Mah आश्विन माह (क्वार) - AAshvin - Kwaar Mah कार्तिक माह - Kaartik Mah मार्गशीष माह (अगहन) - Agahan Mah पौष माह - Paush Mah माघ माह - Maagh Mah फाल्गुन माह - Falgun Mah

हिंदी कहावतें Hindi Kahawatein - Proverbs

हिंदी कहावतें (Proverbs) Here are some Famous Hindi Kahavatein called as Proverbs in English. हाथी के दाँत खाने के और, दिखाने के और Haathee ke daant khaaney ke aur, dikhaaney ke aur. हर्रा लगे न फिटकरी रंग आए चोखा | Harra lagey na fitkaree rang aaye chokhaa. हाथी निकल गया दुम रह गई| Haathee nikal gaya dum rah gai. हिजड़े के घर बेटा होना Hijadey ke ghar betaa hona. हराम की कमाई हराम में गँवाई | Haraam kee kamai haraam mein ganwaai. ऊपर से अच्छा भीतर से बुरा। Upar se achha bheetar sey bura. हर मर्ज की दवा होती है| Har marj kee dawa hotee hai. बिना कुछ खर्च किए काम बनाना। Binaa kuchh kharch kiye kaambanaana. हाथ सुमरनी पेट कतरनी Haath sumarnee peyt kataranee. भीतर और बाहर में अंतर होना। Bheetar aur baahar mein antar hona. थोड़े से के लिए काम अटकना। Thodey se ke liye kaam ataknaa. होनहार बिरवान के होत चीकने पात| Honhaar birwaan ke hot cheekney paata. अच्छे गुण आरम्भ में ही दिखाई देने लगते हैं। Acchey gun aarambh mein hee dikhai deney lagtey hain

मेरा प्रिय मित्र (My Friend) Mera Priya Mitra Nibandh in Hindi

मेरा प्रिय मित्र निबंध (Mera Priya Mitra Nibandh in Hindi - My Dearest Friend Essay) Here is an Essay of My Dearest Friend (Mera Priya Mitra per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English. सुरेश मेरा सबसे प्रिय मित्र है। Suresh is my dearest friend. उसका घर मेरे घर के पास ही है। His house is near my house only. मैं प्रतिदिन उसके घर जाता हूं और उसके साथ खेलता एवं पढ़ता हूं। I go to his house daily and play with him & study. उसके पिताजी पेशे ( profession) से अभियंता (engineer) हैं। His father is an engineer by profession. उनके और मेरे परिवार के बीच बहुत घनिष्ठ ( close) संबंध ( relation) हैं। There are very close ties /relation between his family and my family. मेरे और सुबोध के परिजन एक-दूसरे को जानते हैं। The family members of Subodh and mine know each other. हमारी मित्रता लगभग 8 वर्ष पुरानी है। Our friendship is almost 8 years old. हमारे विचार लगभग समान हैं। Our thoughts are almost identical. हमारी मित्रता में स्वार्थ की भावना दूर-दूर तक

क्रिसमस (Christmas Festival) Christmas Tyohar Nibandh in Hindi

क्रिसमस त्योहार निबंध (Christmas Tyohar Nibandh in Hindi - Christmas Festival Essay) :- Here is an Essay of Christmas Festival (Christmas Tyohar per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English. क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। The Christmas is the biggest festival of Christians. ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं। The Christian community celebrates this festival with much fanfare and gaiety. यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। This festival is celebrated on the 25 of December every year. इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। This day Lord Jesus Christ was born. ईसा मसीह एक महान व्यक्ति थे | Jesus Christ was a great person. उन्होंने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। He preached /taught of love and humanity to the society. उन्होंने दुनिया के लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया था। He had given the message to stay in love and brotherhood to the people of the world

मेरा विद्यालय (My School) Mera Vidhyaalay Nibandh in Hindi

मेरा विद्यालय निबंध (Mera Vidhyaalay Nibandh in Hindi - My School Essay) :- Here is an Essay of My School (Mera Vidhyaalay per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English. मेरे विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है। The name of my school is Saraswati Vidhya Mandir. मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अध्ययन करती हूँ । I study in a Higher secondary school. मेरा विद्यालय जिले में काफी प्रसिद्ध है। My School is quite famous in the district. नियमित पढ़ाई, खेलकूद एवं अन्य गतिविधियां हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं। Regular education, sports and other activities are main parts of our school. मेरे विद्यालय में तकरीबन 2000 विद्यार्थी हैं। There are approximately 2000 students in my school. इसमें 50 हवादार कमरे हैं। There are 50 airy/ventilated rooms in my school. पचास से भी अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाएं हैं। There are more than fifty teachers ( M & f) . इनके अतिरिक्त कई लिपिक , चपरासी, वाहन चालक एवं द्वारपाल भी यहां कार्यरत हैं। Besides t

लालची कुत्ता (Lalchi Kutta) Hindi Moral Stroy

लालची कुत्ता (Lalchi Kutta) Kahani in Hindi एक बार एक कुत्ते को बहुत ज़ोर से भूख लगी थी तभी उसे एक रोटी मिली वह उस रोटी का पूरा आनंद लेना चाहता था इसलिए वह उसे शांति से बैठकर खाने की इच्छा से रोटी को अपने मुँह में डाल कर नदी की ओर चल दिया | नदी पर एक छोटा सा पुल था| जब कुत्ता नदी पार कर रहा था, तभी उसे पानी में अपनी परछाई दिखाई दी| उसने अपनी परछाई को दूसरा कुत्ता समझा और उसकी रोटी छीनना चाहा| रोटी छीनने के लिए उसने भौंकते हुए नदी में छलाँग लगा दी| मुँह खोलते ही उसके मुँह की रोटी नदी के जल में गिर कर बह गयी और लालची कुत्ता भूखा रह गया| सीख : इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें लालच नही करना चाहिए | Lalchi Kutta - Baal hindi naitik kahani in English Words. Ek baar ek kutte ko bahut jor se bhookh lagi thi. Tabhi use ek roti mili. Woh us roti ka poora anand lena chahta tha. isliye woh use shanti se baithkar khane ki ichha se roti ko apne munh mein daal kar nadi ki aur chal diya. Nadi par ek chotta sa pul tha. Jab kutta nadi paar kar raha tha, tabhi use pani mein apni

श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द shrutisambhinnarthak Shabd

श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द (Shrutisambhinnarthak Shabd) :-  ये शब्द चार शब्दों से मिलकर बना है , श्रुति+सम +भिन्न +अर्थ, इसका अर्थ है सुनने में समान लगने वाले किन्तु भिन्न अर्थ वाले दो शब्द अर्थात वे शब्द जो सुनने और उच्चारण करने में समान प्रतीत हों, किन्तु उनके अर्थ भिन्न -भिन्न हों , वे श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं ! Shruti Sam Bhinnarthak w ords with Different Meanings and Same Pronunciation in hindi. ऐसे शब्द सुनने या उच्चारण करने में समान भले प्रतीत हों ,किन्तु समान होते नहीं हैं, इसलिए उनके अर्थ में भी परस्पर भिन्नता होती है ;  उदाहरण - (अवलम्ब और अविलम्ब) दोनों शब्द सुनने में समान लग रहे हैं, किन्तु वास्तव में समान हैं नहीं, अत: दोनों शब्दों के अर्थभी पर्याप्त भिन्न हैं, 'अवलम्ब ' का अर्थ है - सहारा , जबकि अविलम्ब का अर्थ है - बिना विलम्ब के अर्थात शीघ्र ! ये शब्द निम्न इस प्रकार से है - अंस - अंश = कंधा - हिस्सा अंत - अत्य = समाप्त - नीच अन्न -अन्य = अनाज -दूसरा अभिराम -अविराम = सुंदर -लगातार अम्बुज - अम्बुधि = कमल -सागर अनिल

घोष और अघोष Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets in Hindi

घोष और अघोष (Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets) :-  ध्वनि की दृष्टि से जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' घोष ' कहते है और जिनमें स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नहीं होती उन्हें ' अघोष ' व्यंजन कहते हैं !  ये घोष - अघोष व्यंजन इस प्रकार हैं -  In Hindi, See below Ghosh and Aghosh Varn : घोष                                   अघोष ग , घ , ङ                           क , ख ज , झ , ञ                          च , छ ड , द , ण , ड़ , ढ़                  ट , ठ द , ध , न                            त , थ ब , भ , म                            प , फ य , र , ल , व , ह                  श , ष , स

अल्पप्राण और महाप्राण (Alppraan and Mahapraan Alphabets)

अल्पप्राण और महाप्राण (Alppraan and Mahapraan Varn - Alphabets) :-  जिन वर्णों के उच्चारण में मुख से कम श्वास निकले उन्हें ' अल्पप्राण ' कहते हैं ! और जिनके उच्चारण में  अधिक श्वास निकले उन्हें ' महाप्राण 'कहते हैं! ये वर्ण इस प्रकार है - In Hindi, See below both Alppraan and Mahapraan Varn : अल्पप्राण                महाप्राण क , ग , ङ               ख , घ च , ज , ञ              छ , झ ट , ड , ण               ठ , ढ त , द , न               थ , ध प , ब , म               फ , भ य , र , ल , व        श , ष , स , ह

वाक्य अशुद्धि शोधन (Sentence Errors Correction)

वाक्य अशुद्धि शोधन (Vakya Ashudhi Shodhan - Sentence Errors Correction) :-  सार्थक एवं पूर्ण विचार व्यक्त करने वाले शब्द समूह को वाक्य कहा जाता है ! प्रत्येक भाषा का मूल ढांचा वाक्यों पर ही आधारित होता है ! इसलिए यह अनिवार्य है कि वाक्य रचना में पद -क्रम और अन्वय का विशेष ध्यान रखा जाए ! इनके प्रति सावधान न रहने से वाक्य रचना में कई प्रकार की भूलें हो जाती हैं ! वाक्य रचना के लिए अभ्यास की परम आवश्यकता होती है ! जैसे - 1 - संज्ञा सम्बन्धी अशुद्धियाँ - अशुद्ध शुद्ध - वह आंख से काना है । वह काना है । - आप शनिवार के दिन चले जाएं । आप शनिवार को चले जाएं । 2 - परसर्ग सम्बन्धी अशुद्धियाँ - अशुद्ध शुद्ध - आप भोजन किया ? आपने भोजन किया । - उसने नहाया । वह नहाया । 3 - लिंग सम्बन्धी अशुद्धियाँ - अशुद्ध

उच्चारणगत अशुद्धियाँ (Pronunciation Errors) - Uchcharangat & Vartani ashudhdhiyan

उच्चारणगत अशुद्धियाँ (Pronunciation Errors) :- बोलने और लिखने में होने वाली अशुद्धियाँ प्राय: दो प्रकार की होती हैं  (व्याकरण सम्बन्धी तथा उच्चारण सम्बन्धी)  Two types of Pronunciation Errors - Uchcharangat ashudhdhiyan : (Vyakaran Sambandhi & Uchcharan Sambanghi) यहाँ हम उच्चारण एवं वर्तनी (Vartani) सम्बन्धी महत्वपूर्ण त्रुटियों की ओर संकेत करंगे, ये अशुद्धियाँ स्वर एवं व्यंजन और विसर्ग तीनों वर्गों से सम्बन्धित होती हैं, व्यंजन सम्बन्धी त्रुटियाँ वर्तनी के अन्तर्गत आ गई हैं , नीचे स्वर एवं विसर्ग सम्बन्धी अशुद्धियों की और इंगित किया गया है ! अशुद्धियाँ और उनके शुद्ध रूप - 1 . - स्वर या मात्रा सम्बन्धी अशुद्धियाँ - 1 - अ ,आ सम्बन्धी भूलें - अशुद्ध रूप शुद्ध रूप - अहार आहार - अजमायश आजमाइश 2 - इ , ई सम्बन्धी भलें = इ की मात्रा होनी चाहिए , ई की नहीं - अशुद्ध रूप शुद्ध रूप - कोटी कोटि - कालीदास कालिदास = इ की मात्रा छूट गई है , होनी चाहिए - अशुद्ध रूप

छंद Chhand Definition and Types

छंद (Chhand - Definition in hindi) छंद - " अक्षरों की संख्या एवं क्रम ,मात्रा गणना तथा यति -गति के सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पघरचना ' छंद ' कहलाती है ! छंद के अंग इस प्रकार है (There are six angs of Chhand) - 1 . चरण (Charan) -  छंद में प्राय: चार चरण होते हैं ! पहले और तीसरे चरण को विषम चरण तथा दूसरे और चौथे चरण को सम चरण कहा जाता है ! 2 . मात्रा और वर्ण (Matra aur Varn) -  मात्रिक छंद में मात्राओं को गिना जाता है ! और वार्णिक छंद में वर्णों को ! दीर्घ स्वरों के उच्चारण में ह्वस्व स्वर की तुलना में दुगुना समय लगता है ! ह्वस्व स्वर कीएक मात्रा एवं दीर्घ स्वर की दो मात्राएँ गिनी जाती हैं ! वार्णिक छंदों में वर्णों की गिनती की जाती है ! 3 . लघु एवं गुरु (Laghu Aur Guru) -  छंद शास्त्र में ये दोनों वर्णों के भेद हैं ! ह्वस्व को लघु वर्ण एवं दीर्घ को गुरु वर्ण कहा जाता है ! ह्वस्व अक्षर का चिन्ह ' । ' है ! जबकि दीर्घ का चिन्ह ' s ' है ! = लघु - अ ,इ ,उ एवं चन्द्र बिंदु वाले वर्ण लघु गिने जाते हैं !