Skip to main content

बिहार - About BIHAR in Hindi Nibandh

बिहार
(Bihar in Hindi)

Here is an Essay on Bihar (Bihar per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning.
बिहार के बारे में जानकारी हिंदी में पढ़े।

बिहार भारत का एक प्रशासनिक राज्य है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है।

बिहार की स्थापना सन 1912 में हुए थी।

1912 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार राज्य नाम का अस्तित्व में आया।

1935 में उड़ीसा (Orissa) इससे अलग कर दिया गया।

बिहार का ऐतिहासिक नाम मगध है।

यहाँ की राजधानी पटना है और बिहार का सबसे बड़ा शहर भी पटना है।

बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक नाम पाटलिपुत्र है।

बिहार 38 जिले है तथा यहाँ का क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किमी है।

यहाँ की जनसंख्या लगभग 10,38,04,637 हैं बिहार में लगभग 5,41,85,347 पुरुष तथा लगभग 4,96,19,290 महिलाएं है।

बिहार का जनसंख्या घनत्व लगभग 1,102 वर्ग प्रति किमी हैं।

बिहार की साक्षरता 63.82 % है जिनमे 73.3% पुरुष तथा 53.33 % महिलाएं हैं।

बिहार का लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 916 महिलाएं हैं।

बिहार में हिन्दू 83.2 % हैं तथा मुस्लिम 16.5 % है।

यहाँ की मुख्य भाषा हिंदी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मागधी, अंगिका आदि हैं।

क्षेत्रफल में यह देश का 12वाँ तथा जनसंख्या में तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।

बिहार में विधानसभा की 243 राज्यसभा की 16 तथा लोकसभा की 40 सीटें है।

बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थल महात्मा गाँधी सेतु, महाबोधि मंदिर, नालन्दा विश्वविद्यालय, विष्णुपाद मंदिर, बोधगया मंदिर आदि हैं।

बिहार की सीमाएं पूर्व में पश्चिम बंगाल (West Bengal), पशिचम में उत्तर प्रदेश, दक्षिण में झारखण्ड और उत्तर में नेपाल से जुड़ीं है।

सन् 2000 में झारखंड राज्य इससे अलग कर दिया गया।

बिहार के प्रमुख पर्वों में छठ, होली, दिवाली, दशहरा, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्री पंचमी, मुहर्रम, ईद तथा क्रिसमस हैं।

Popular posts from this blog

घोष और अघोष Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets in Hindi

घोष और अघोष (Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets) :-  ध्वनि की दृष्टि से जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' घोष ' कहते है और जिनमें स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नहीं होती उन्हें ' अघोष ' व्यंजन कहते हैं !  ये घोष - अघोष व्यंजन इस प्रकार हैं -  In Hindi, See below Ghosh and Aghosh Varn : घोष                                   अघोष ग , घ , ङ                           क , ख ज , झ , ञ                          च , छ ड , द , ण , ड़ , ढ़                  ट , ठ द , ध , न                            त , थ ब , भ , म                            प , फ य , र , ल , व , ह                  श , ष , स

अल्पप्राण और महाप्राण (Alppraan and Mahapraan Alphabets)

अल्पप्राण और महाप्राण (Alppraan and Mahapraan Varn - Alphabets) :-  जिन वर्णों के उच्चारण में मुख से कम श्वास निकले उन्हें ' अल्पप्राण ' कहते हैं ! और जिनके उच्चारण में  अधिक श्वास निकले उन्हें ' महाप्राण 'कहते हैं! ये वर्ण इस प्रकार है - In Hindi, See below both Alppraan and Mahapraan Varn : अल्पप्राण                महाप्राण क , ग , ङ               ख , घ च , ज , ञ              छ , झ ट , ड , ण               ठ , ढ त , द , न               थ , ध प , ब , म               फ , भ य , र , ल , व        श , ष , स , ह

अन्विति Anviti in Hindi with example

अन्विति ( Anviti hindi definition) :- जब वाक्य के संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद में समान परिवर्तन हो जाता है तो उसे अन्विति (Anviti) कहते हैं। अन्विति का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है:-  Use of Anvati is listed below : (क) कर्तरि प्रयोग (Kartri) :- जिस में क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तरि प्रयोग कहते हैं। यह ज़रूरी है कि कर्ता विभक्ति रहित हो जैसे गीता पुस्तक पढेगी। (ख) कर्मणि प्रयोग (Karmni) :- जिस में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हों उसे कर्मणि प्रयोग कहते हैं। कर्मणि प्रयोग में दो प्रकार की वाक्य रचनाएं मिलती हैं। कर्तृवाच्य की जिन भूतकालिक क्रियाओं के कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगी होती है जैसे राम ने पत्र लिखा। दूसरे कर्मवाच्य में यहाँ कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' परसर्ग लगते हैं लेकिन कर्म के साथ 'को' परसर्ग नहीं लगता जैसे हमसे लड़के गिने गए। (ग) भावे प्रयोग (Bhave) : - इसमें क्रिया के पुरुष लिंग और वचन कर्ता या कर्म के अनुसार न