तिरंगा झंडा
(Tiranga Jhanda in Hindi)
Here is an Essay of Indian National Flag (Tiranga Jhanda per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning. Tiranga Jhanda kya hai.
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा कहा जाता है। तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है भारत के झंडे की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात 2:3 है इस ध्वज में सफेद रंग में नीले रंग का एक चक्र बना हुआ है इस चक्र में 24 तीलियां हैं। यह चक्र सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ (Sarnath) में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले चक्र की तरह है।
"ये आन तिरंगा है, ये शान तिरंगा है, मेरी जान तिरंगा है"
तिरंगे का निर्माण आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के मछलीपट्टनम के निकट भाटलापेन्नुमारु नामक क्षेत्र में रहने वाले देशभक्त पिंगली वेंकैया (Pingali Venkaiah) ने किया था।
भारत के लिए पहला झंडा स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की शिष्या सिस्टर निवेदिता ने बनाया था लेकिन इस ध्वज में केवल दो ही रंग लाल और पीले थे।
भारत के आजाद होने के बाद 22 जुलाई 1947 के दिन पं जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) ने संविधान सभा की सहमति से तिरंगे झंडे को कानूनी रूप से राष्ट्रीय ध्वज घोषित कर दिया था। 22 जुलाई 1947 से पहले झंडे के बीच में चक्र की जगह चरखा हुआ करता था।
वर्ष 2002 से पहले किसी भी भारतीय को कहीं भी किसी भी समय तिरंगे को फहराने की अनुमति नहीं थी लेकिन 26 जनवरी 2002 के बाद से किसी भी देशवासी को कहीं भी किसी भी समय सम्मान पूर्वक तिरंगे को फहराने की अनुमति मिल गई। जब तिरंगे को किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचों बीच या कार के दाईं ओर लगाया जाता है। तिरंगे हमेशा ऐसे स्थान पर लगाया जाना चाहिए जहॉ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके।
देश का सबसे ऊॅचा और सबसे बडा तिरंगा रांची के पहाड़ी मंदिर पर फहराया गया यह तिरंगा 66 फुट उंचा 99 फुट चौड़ा है यह तिरंगा जमीन से 493 फीट की ऊंचाई पर है़
भारत के हुगली (Hooghly) में मात्र एक लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।
वैसे तो हमेशा तिरंगा लहराता रहता है लेकिन किसी महान व्यक्ति के निधन पर राष्ट्रपति के आदेश पर तिरंगे को थोडा सा झुका दिया जाता है। जब तिरंगे का किसी मृत शरीर पर डाला जाता है तो उस तिरंगे को दोवारा नहीं फहराया जाता है उसके बाद उसे पूर्ण सम्मान के साथ या तो जलाया जाता है या फिर पत्थर बॉध कर जल में समाधि दी जाती है।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज सबसे पहले सबसे ऊॅचाई पर 29 मई 1953 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर शेरपा तेनजिंग (Sherpa Tenzing) और एडमंड माउंट हिलेरी (Mount Edmund Hillary) द्वारा फहराया गया था।
स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर (Squadron Leader Sanjay Thapar) ने पहली बार 21 अप्रैल 1996 के दिन तिरंगे की शान बढाते हुए एम. आई.-8 हेलिकॉप्टर से 10000 फीट की ऊंचाई से कूदकर देश के झंडे को उत्तरी ध्रुव में फहराया था।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज अंतरिक्ष में 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) द्वारा फहराया गया था।
सबसे बडा मानव तिरंगा वर्ष 2014 में 5000 स्वयंसेवकों द्वारा चेन्नई में बनाया गया था।
भारत का संसद एक ऐसा भवन है जहॉ एक साथ तीन तिरंगे फहराये जाते हैं।
किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
आजाद देश में लाल किले से तिरंगे झंडे को सर्वप्रथम नेहरू ने 16 अगस्त 1947 में फहराया था।
राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक छोटा सा तिंरगा रखा है जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे जवाहरात से बनाया गया है।
(Tiranga Jhanda in Hindi)
Here is an Essay of Indian National Flag (Tiranga Jhanda per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning. Tiranga Jhanda kya hai.
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा कहा जाता है। तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है भारत के झंडे की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात 2:3 है इस ध्वज में सफेद रंग में नीले रंग का एक चक्र बना हुआ है इस चक्र में 24 तीलियां हैं। यह चक्र सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ (Sarnath) में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले चक्र की तरह है।
"ये आन तिरंगा है, ये शान तिरंगा है, मेरी जान तिरंगा है"
तिरंगे का निर्माण आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के मछलीपट्टनम के निकट भाटलापेन्नुमारु नामक क्षेत्र में रहने वाले देशभक्त पिंगली वेंकैया (Pingali Venkaiah) ने किया था।
भारत के लिए पहला झंडा स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की शिष्या सिस्टर निवेदिता ने बनाया था लेकिन इस ध्वज में केवल दो ही रंग लाल और पीले थे।
भारत के आजाद होने के बाद 22 जुलाई 1947 के दिन पं जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) ने संविधान सभा की सहमति से तिरंगे झंडे को कानूनी रूप से राष्ट्रीय ध्वज घोषित कर दिया था। 22 जुलाई 1947 से पहले झंडे के बीच में चक्र की जगह चरखा हुआ करता था।
वर्ष 2002 से पहले किसी भी भारतीय को कहीं भी किसी भी समय तिरंगे को फहराने की अनुमति नहीं थी लेकिन 26 जनवरी 2002 के बाद से किसी भी देशवासी को कहीं भी किसी भी समय सम्मान पूर्वक तिरंगे को फहराने की अनुमति मिल गई। जब तिरंगे को किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचों बीच या कार के दाईं ओर लगाया जाता है। तिरंगे हमेशा ऐसे स्थान पर लगाया जाना चाहिए जहॉ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके।
देश का सबसे ऊॅचा और सबसे बडा तिरंगा रांची के पहाड़ी मंदिर पर फहराया गया यह तिरंगा 66 फुट उंचा 99 फुट चौड़ा है यह तिरंगा जमीन से 493 फीट की ऊंचाई पर है़
भारत के हुगली (Hooghly) में मात्र एक लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।
वैसे तो हमेशा तिरंगा लहराता रहता है लेकिन किसी महान व्यक्ति के निधन पर राष्ट्रपति के आदेश पर तिरंगे को थोडा सा झुका दिया जाता है। जब तिरंगे का किसी मृत शरीर पर डाला जाता है तो उस तिरंगे को दोवारा नहीं फहराया जाता है उसके बाद उसे पूर्ण सम्मान के साथ या तो जलाया जाता है या फिर पत्थर बॉध कर जल में समाधि दी जाती है।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज सबसे पहले सबसे ऊॅचाई पर 29 मई 1953 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर शेरपा तेनजिंग (Sherpa Tenzing) और एडमंड माउंट हिलेरी (Mount Edmund Hillary) द्वारा फहराया गया था।
स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर (Squadron Leader Sanjay Thapar) ने पहली बार 21 अप्रैल 1996 के दिन तिरंगे की शान बढाते हुए एम. आई.-8 हेलिकॉप्टर से 10000 फीट की ऊंचाई से कूदकर देश के झंडे को उत्तरी ध्रुव में फहराया था।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज अंतरिक्ष में 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) द्वारा फहराया गया था।
सबसे बडा मानव तिरंगा वर्ष 2014 में 5000 स्वयंसेवकों द्वारा चेन्नई में बनाया गया था।
भारत का संसद एक ऐसा भवन है जहॉ एक साथ तीन तिरंगे फहराये जाते हैं।
किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
आजाद देश में लाल किले से तिरंगे झंडे को सर्वप्रथम नेहरू ने 16 अगस्त 1947 में फहराया था।
राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक छोटा सा तिंरगा रखा है जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे जवाहरात से बनाया गया है।