Skip to main content

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी - STATUE OF LIBERTY Nibandh in Hindi

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी निबंध
(Statue of Liberty Essay in Hindi)

Here is an Essay of (Statue of Liberty per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning. Statue of Liberty kya hai aur ise kisne banwaya.

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) अमेरिका (America) के न्यूयॉर्क (New York) प्रांत में स्थित बहुत ही सुन्‍दर प्रतिमा है जिसे फ्रांस (France) ने अमेरिका को अमेरिकन क्रांति के दौरान दोस्‍ते के प्र‍तीक के रूप वर्ष 1886 में दिया था।

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) न्यूयॉर्क के लिबर्टी आइलैंड (Liberty Island) पर स्थित है।

इस टापू का पुराना नाम बेडलॉज टापू था

इस प्रतिमा के एक हाथ में मशाल और दूसरे हाथ में एक पुस्‍तक है।

इस पुस्‍‍तक के ऊपर रोमन भाषा में 4 जुलाई 1976 की तारीख लिखी हुई है।

यह प्रतिमा फ्रांस के मूर्तीकार ऑगस्‍ट बर्थेल्‍डी (August Bertheldi) द्वारा बनाई गई थी।

इस प्रतिमा पर तॉबे की परत चढाई गयी है।

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को बनाने में 9 वर्ष से अधिक का समय लगा था।

इस मूर्ती की ऊचाई 151 फुट है।

इस प्रतिमा की संर्पूण लंबाई 305 फीट है।

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में कुल 359 घुमावदार सीढ़ियां हैं।

इस मूर्ती के ताज में 25 खिडकीयॉ हैं।

Popular posts from this blog

घोष और अघोष Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets in Hindi

घोष और अघोष (Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets) :-  ध्वनि की दृष्टि से जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' घोष ' कहते है और जिनमें स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नहीं होती उन्हें ' अघोष ' व्यंजन कहते हैं !  ये घोष - अघोष व्यंजन इस प्रकार हैं -  In Hindi, See below Ghosh and Aghosh Varn : घोष                                   अघोष ग , घ , ङ                           क , ख ज , झ , ञ                          च , छ ड , द , ण , ड़ , ढ़                  ट , ठ द , ध , न                            त , थ ब , भ , म                            प , फ य , र , ल , व , ह                  श , ष , स

अल्पप्राण और महाप्राण (Alppraan and Mahapraan Alphabets)

अल्पप्राण और महाप्राण (Alppraan and Mahapraan Varn - Alphabets) :-  जिन वर्णों के उच्चारण में मुख से कम श्वास निकले उन्हें ' अल्पप्राण ' कहते हैं ! और जिनके उच्चारण में  अधिक श्वास निकले उन्हें ' महाप्राण 'कहते हैं! ये वर्ण इस प्रकार है - In Hindi, See below both Alppraan and Mahapraan Varn : अल्पप्राण                महाप्राण क , ग , ङ               ख , घ च , ज , ञ              छ , झ ट , ड , ण               ठ , ढ त , द , न               थ , ध प , ब , म               फ , भ य , र , ल , व        श , ष , स , ह

अन्विति Anviti in Hindi with example

अन्विति ( Anviti hindi definition) :- जब वाक्य के संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद में समान परिवर्तन हो जाता है तो उसे अन्विति (Anviti) कहते हैं। अन्विति का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है:-  Use of Anvati is listed below : (क) कर्तरि प्रयोग (Kartri) :- जिस में क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तरि प्रयोग कहते हैं। यह ज़रूरी है कि कर्ता विभक्ति रहित हो जैसे गीता पुस्तक पढेगी। (ख) कर्मणि प्रयोग (Karmni) :- जिस में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हों उसे कर्मणि प्रयोग कहते हैं। कर्मणि प्रयोग में दो प्रकार की वाक्य रचनाएं मिलती हैं। कर्तृवाच्य की जिन भूतकालिक क्रियाओं के कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगी होती है जैसे राम ने पत्र लिखा। दूसरे कर्मवाच्य में यहाँ कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' परसर्ग लगते हैं लेकिन कर्म के साथ 'को' परसर्ग नहीं लगता जैसे हमसे लड़के गिने गए। (ग) भावे प्रयोग (Bhave) : - इसमें क्रिया के पुरुष लिंग और वचन कर्ता या कर्म के अनुसार न