राष्ट्रीय युवा दिवस निबंध
(Rashtriya Yuva Diwas Essay in Hindi)
Here is an Speech or Essay of National Youth Day (Rashtriya Yuva Diwas per Nibandh / Bhashan) written with some easy lines in Hindi and English meaning.
प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी के दिन को स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) के जन्म दिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है भारत सरकार ने वर्ष 1985 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी
स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक रूढ़िवादी हिन्दु परिवार में हुआ था
स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) के बचपन का नाम नरेन्द्र दत्त था
इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था
इन्होंन अपनी बचपन की शिक्षा इश्वर चन्द्र विद्यासागर इंस्टिट्यूट से पूरी की थी
स्वामी विवेकानन्द ने 1 मई 1897 को रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी
स्वामी जी बचपन से ही दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य सहित विषयों में काफी रूचि थी
स्वामी विवेकानन्द के गरू का रामकृष्ण परमहंस था
नरेन्द्र दत्त ने 25 वर्ष की अवस्था में सन्यास ग्रहण कर लिया और पैदल ही पूरे भारत का भ्रमण किया था
नरेन्द्र दत्त का नाम सन्यास लेने के बाद स्वामी विवेकानन्द पडा था
नरेन्द्र दत्त को नाम स्वामी विवेकानन्द खेत्री के महाराजा अजित सिंह ने दिया था
स्वामी विवेकानन्द वर्ष 1893 में शिकागो (अमेरिका) में हो रहे विश्व हिन्दी परिषद में भारत के प्रतिनिधि के रूप से पहुंचे थे
उन्होंन आपने भाषण की शुरूआत "मेरे अमेरिकी भाई बहनों" के साथ की थी इसी वाक्य ने वहॉ बैठे सभी लोगो का दिल जीत लिया था
स्वामी विवेकानन्द की मृत्यु 39 वर्ष की अवस्था में बेलूर मठ में 4 जुलाई 1902 को हो गई थी
(Rashtriya Yuva Diwas Essay in Hindi)
Here is an Speech or Essay of National Youth Day (Rashtriya Yuva Diwas per Nibandh / Bhashan) written with some easy lines in Hindi and English meaning.
प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी के दिन को स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) के जन्म दिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है भारत सरकार ने वर्ष 1985 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी
स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक रूढ़िवादी हिन्दु परिवार में हुआ था
स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) के बचपन का नाम नरेन्द्र दत्त था
इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था
इन्होंन अपनी बचपन की शिक्षा इश्वर चन्द्र विद्यासागर इंस्टिट्यूट से पूरी की थी
स्वामी विवेकानन्द ने 1 मई 1897 को रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी
स्वामी जी बचपन से ही दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य सहित विषयों में काफी रूचि थी
स्वामी विवेकानन्द के गरू का रामकृष्ण परमहंस था
नरेन्द्र दत्त ने 25 वर्ष की अवस्था में सन्यास ग्रहण कर लिया और पैदल ही पूरे भारत का भ्रमण किया था
नरेन्द्र दत्त का नाम सन्यास लेने के बाद स्वामी विवेकानन्द पडा था
नरेन्द्र दत्त को नाम स्वामी विवेकानन्द खेत्री के महाराजा अजित सिंह ने दिया था
स्वामी विवेकानन्द वर्ष 1893 में शिकागो (अमेरिका) में हो रहे विश्व हिन्दी परिषद में भारत के प्रतिनिधि के रूप से पहुंचे थे
उन्होंन आपने भाषण की शुरूआत "मेरे अमेरिकी भाई बहनों" के साथ की थी इसी वाक्य ने वहॉ बैठे सभी लोगो का दिल जीत लिया था
स्वामी विवेकानन्द की मृत्यु 39 वर्ष की अवस्था में बेलूर मठ में 4 जुलाई 1902 को हो गई थी