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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day) RASHTRIYA UPBHOKTA DIWAS Nibandh in Hindi

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस निबंध
(Rashtriya Upbhokta Diwas Essay in Hindi)

Here is an Essay of National Consumer Day (Rashtriya Upbhokta Diwas per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning. Also know about consumers rights (Upbhokta ke Adhikar).

उपभोक्‍ताओं (Consumers) को जागरूक करने के लिए प्रत्‍येक वर्ष 24 दिसंबर के दिन राष्‍ट्रीय उपभोक्‍त दिवस ( National Consumer Day) के रूप में मनाया जाता है यह दिन 24 दिसंबर के दिन इस लिए मनाया जाता है क्‍योंकि इसी दिन राष्‍ट्रपति द्वारा वर्ष 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक (Consumer Protection Act Bill) पारित हुआ था

राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस भारत में पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया था इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य उपभोक्‍ताओं में जागरूता फैलाना है और उनके हितों की रक्षा एवं उन्‍हें विभिन्न प्रकार के शोषण से बचाना है हर व्‍यक्ति चाहता है कि उसने जितनी पैसे दिये हैं उसको उसकी कीमत की पूरी वस्‍तु मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा नही होता है हर व्‍यक्ति को पूरा अधिकार है कि वह जो वस्‍तु खरीद रहा है उसके बारे में सारी जानकारी मिलनी चाहिए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए निम्‍न अधिकार बनाये हैं

उपभोक्ताओं के अधिकार - rights of consumers

उपभोक्ताओं के हितों पर विचार करने के लिए बनाए गए विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधित्व का अधिकार
अनुचित व्यापार पद्धतियों या उपभोक्ताओं के शोषण के विरुद्ध निपटान का अधिकार
सूचना संपन्न उपभोक्ता बनने के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का अधिकार
अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार
जीवन एवं संपत्ति के लिए हानिकारक सामान और सेवाओं के विपणन के खिला़फ सुरक्षा का अधिकार
सामान अथवा सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और मूल्य, जैसा भी मामला हो, के बारे में जानकारी का अधिकार, ताकि उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार पद्धतियों से बचाया जा सके
जहां तक संभव हो उचित मूल्यों पर विभिन्न प्रकार के सामान तथा सेवाओं तक पहुंच का आश्वासन

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अन्विति ( Anviti hindi definition) :- जब वाक्य के संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद में समान परिवर्तन हो जाता है तो उसे अन्विति (Anviti) कहते हैं। अन्विति का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है:-  Use of Anvati is listed below : (क) कर्तरि प्रयोग (Kartri) :- जिस में क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तरि प्रयोग कहते हैं। यह ज़रूरी है कि कर्ता विभक्ति रहित हो जैसे गीता पुस्तक पढेगी। (ख) कर्मणि प्रयोग (Karmni) :- जिस में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हों उसे कर्मणि प्रयोग कहते हैं। कर्मणि प्रयोग में दो प्रकार की वाक्य रचनाएं मिलती हैं। कर्तृवाच्य की जिन भूतकालिक क्रियाओं के कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगी होती है जैसे राम ने पत्र लिखा। दूसरे कर्मवाच्य में यहाँ कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' परसर्ग लगते हैं लेकिन कर्म के साथ 'को' परसर्ग नहीं लगता जैसे हमसे लड़के गिने गए। (ग) भावे प्रयोग (Bhave) : - इसमें क्रिया के पुरुष लिंग और वचन कर्ता या कर्म के अनुसार न