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राष्‍ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) RASHTRIYA GANIT DIWAS Nibandh in Hindi

राष्‍ट्रीय गणित दिवस निबंध
(Rashtriya Ganit Diwas Essay in Hindi)

Here is an Essay of National Mathematics Day (Rashtriya Ganit Diwas per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning.

प्रत्‍येक वर्ष 22 दिसंबर के दिन भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन (श्री निवास रामानुजन - Srinivasa Ramanujan) के जन्‍म दिवस को पूरे देश में राष्‍ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है

श्री निवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) का जन्‍म 22 दिसम्बर 1887 को मद्रास से 400 किलोमीटर दूर ईरोड नगर में हुआ था
इनके पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर और माता का नाम कोमल तम्मल था
रामानुजन जी का जन्‍म एक गरीब दक्षिण भारतीय ब्राहमण परिवार में हुआ था
रामानुजन जी का बचपन से ही गणित के प्रति काफी रूझान था
उन्होंने गणित की प्राइमरी परीक्षा में पुरे जिले में पहला स्थान प्राप्‍त किया था
रामानुजन जी को 1904 में उनके गणित में अतुल्य योगदान के लिये के.रंगनाथ राव पुरस्कार दिया गया था
श्रीनिवास रामानुजन जी ने सन् 1905 में मद्रास विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा दी और गणित को छोड़कर शेष सभी विषयों में वे अनुत्तीर्ण हो गए
जिस गवर्नमेंट कॉलेज में श्रीनिवास रामानुजन जी पढ़ते हुए वे दो बार फेल हुए, बाद में उस कॉलेज का नाम बदल कर निवास रामानुजन नाम पर ही रखा गया
इनका वि‍वाह वर्ष 1908 में जानकी नामक कन्या के साथ कर हो गया था
इसके वाद रामानुजन जी ने ‘मद्रास ट्रस्ट पोर्ट’ के दफ्तर में क्लर्क की नौकरी की
जिस समय रामानुजन जी नौकरी किया करते थे तो वो खाली समय में बैठ कर गणित के सवालों को हल किया करते थे
यह बात जब उनके अधिकारी को पता चली तो उन्‍होंने ये बात इंग्लैंड के महान गणितज्ञ प्रोफ़ेसर जी. एच. हार्डी को बतायी
प्रोफ़ेसर जी. एच. हार्डी ने रामानुजन को इंग्लैंड बुलाया और बड़े-बड़े गणितज्ञो से उनका परिचय कराया
इसके बाद इंग्लैंड की प्रसिद्ध संस्था ‘रायल सोसाइटी’ने वर्ष सन 1918 में रामानुजन को अपना फेलो बनाकर सम्मानित किया
पूरे एशिया में इस सम्मान से सम्मानित होने वाले वे पहले व्यक्ति थे
रामानुजन जी के संख्या-सिद्धान्त पर अद्भुत कार्य के लिए उन्हें 'संख्याओं का जादूगर' माना जाता है
इनकी मृत्‍यु 33 वर्ष की अवस्‍था में 26 अप्रैल1920 को हुआ था

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