Skip to main content

चम्‍बल नदी (Chambal River) - Chambal Nadi Nibandh in Hindi

चम्‍बल नदी निबंध
(Chambal River Essay in Hindi)

Here is an Essay of Indian River Chambal written with some easy lines in Hindi. See below Chambal Nadi per Nibandh in hindi.


चम्‍बल नदी (Chambal River) भारत में बहने वाली प्रमुख नदीयों में से एक है यह नदी भारत की बहुत प्राचीन नदीयों में से एक है तो आइये जानते हैं

चंबल नदी (Chambal River) मध्‍यप्रदेश (Madhya Pradesh) राज्‍य के महू के 'जनापाव पहाड़ी' से निकलती है

इस नदी की लम्‍बाई 995 किमी है

इस नदी में पूरे वर्ष पानी बहता रहता है इसलिए इस नदी को बारहमासी भी कहते हैं

इस नदी की सहायक नदीयां काली, पार्वती, बनास, कुराई, बामनी, शिप्रा आदि हैं

यह नदी राजस्‍थान (Rajasthan) से बहती हुई उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा ज़िले के मुरादगंज स्थान में यमुना नदी (Yamuna) में मिल जाती है

इस नदी को प्रचीन समय में चर्मण्वती के नाम से जाना जाता था

इस नदी पर बने बॉध गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज आदि हैं

कुछ जगह पर इस नदी को कामधेनु के नाम से जाना जाता है

Popular posts from this blog

घोष और अघोष Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets in Hindi

घोष और अघोष (Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets) :-  ध्वनि की दृष्टि से जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' घोष ' कहते है और जिनमें स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नहीं होती उन्हें ' अघोष ' व्यंजन कहते हैं !  ये घोष - अघोष व्यंजन इस प्रकार हैं -  In Hindi, See below Ghosh and Aghosh Varn : घोष                                   अघोष ग , घ , ङ                           क , ख ज , झ , ञ                          च , छ ड , द , ण , ड़ , ढ़                  ट , ठ द , ध , न           ...

अन्विति Anviti in Hindi with example

अन्विति ( Anviti hindi definition) :- जब वाक्य के संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद में समान परिवर्तन हो जाता है तो उसे अन्विति (Anviti) कहते हैं। अन्विति का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है:-  Use of Anvati is listed below : (क) कर्तरि प्रयोग (Kartri) :- जिस में क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तरि प्रयोग कहते हैं। यह ज़रूरी है कि कर्ता विभक्ति रहित हो जैसे गीता पुस्तक पढेगी। (ख) कर्मणि प्रयोग (Karmni) :- जिस में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हों उसे कर्मणि प्रयोग कहते हैं। कर्मणि प्रयोग में दो प्रकार की वाक्य रचनाएं मिलती हैं। कर्तृवाच्य की जिन भूतकालिक क्रियाओं के कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगी होती है जैसे राम ने पत्र लिखा। दूसरे कर्मवाच्य में यहाँ कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' परसर्ग लगते हैं लेकिन कर्म के साथ 'को' परसर्ग नहीं लगता जैसे हमसे लड़के गिने गए। (ग) भावे प्रयोग (Bhave) : - इसमें क्रिया के पुरुष लिंग और वचन कर्ता या कर्म के अनुसार न...

Hindu Vivah ke Saat Vachan in Hindi and Sanskrit

There are seven promises of Hindu marriage made by Indian marriage couple (Girl & Boy) to each other. हिन्दू विवाह में सात फेरे और सात वचन होते हैं दूल्हा और दुल्हन विवाह के समय एक-दूसरे से सात वचन लेते हैं। Janiye Hindu vivah ke saat fere ke saat Vachan in Hindi and Sanskrit. हिन्दू विवाह के सात वचन : 1. तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या: । वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी ।। कन्या वर से कहती है कि यदि आप कभी तीर्थ यात्रा में जाएँ, या कोई व्रत इत्यादि करें अथवा कोई भी धार्मिक कार्य करें तो मुझे अपने बाएँ भाग में जरुर स्थान दें। यदि आप ऐसा करने का वचन देते हैं तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूँ। 2. पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या: । वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं द्वितीयम ।। दूसरे वचन में कन्या वर से वचन मांगती है कि जिस प्रकार आप अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं, उसी प्रकार मेरे माता-पिता का भी सम्मान करें और परिवार की मर्यादा के अनुसार, धार्मिक अनुष्ठान करते हुए भगवान के भक्त बने रहें,...