Skip to main content

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) BHARATIYA VAYU SENA Nibandh in Hindi

भारतीय वायु सेना निबंध
(Bharatiya Vayu Sena Essay in Hindi)

Here is an Essay of Indian Air Force (Bharatiya Vayu Sena per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning.

भारतीय वायु सेना ( Indian Air Force) की स्‍थापना 8 अक्‍टूबर 1932 को हुई थी शुरूआत में इस सेना में मात्र 25 सैनिक थे भारतीय वायु सेना (Bhartiy vayu sena) को रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से भी जाना जाता है।

भारतीय वायु सेना का मुख्‍यालय नई दिल्‍ली (New Delhi) में स्थित है।

भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल सर थॉमस वाकर इल्म हर्स्ट (Air Marshal Sir Thomas Walker ilm Hurst) पहले कमांडर-इन-चीफ थे इनका कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से लेकर 21 फरवरी 1950 तक था।

एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी (Subroto Mukherjee) इंडियन एयर फोर्स के पहले भारतीय चीफ थे।

भारत के राष्‍ट्रपति (President of India) भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते होते हैं।

भारतीय वायु सेना दुनियॉ की चौथी सबसे बडी सेना है।

ताकत के मामले में भारतीय वायु सेना सातवीं सबसे शक्तिशाली सेना मानी जाती है।

भारतीय एयरफोर्स का सबसे उंचाई पर मौजूद एयरबेस सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier airbase) पर है जोकि जमीन से 22000 फीट की उंचाई पर मौजूद है।

भारतीय वायु सेना का तजाकिस्तान (Tajikistan) के पास फर्कहोर एयरबेस स्टेशन एक ऐसा एयरफोर्स स्टेशन है जोकि विदेशी जमीन पर है।

सबसे पहली बार भारतीय वायु सेना में महिलाओं को 1990 में चॉपर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले दल में शामिल किया गया था।

भारतीय वायु सेना की हासिल की जाने वाली सबसे ऊंची मानद् उपाधि मार्शल है।

अब तक अर्जन सिंह एक मात्र वायु सेना ऑफिसर हैं, जिन्हें यह मानद् उपाधि दी गई है।

भारतीय वायु सेना द्वारा चलाया गया “ऑपरेशन राहत” पूरी दुनिया का सबसे बड़ा ऑपरेशन था।

Popular posts from this blog

घोष और अघोष Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets in Hindi

घोष और अघोष (Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets) :-  ध्वनि की दृष्टि से जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' घोष ' कहते है और जिनमें स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नहीं होती उन्हें ' अघोष ' व्यंजन कहते हैं !  ये घोष - अघोष व्यंजन इस प्रकार हैं -  In Hindi, See below Ghosh and Aghosh Varn : घोष                                   अघोष ग , घ , ङ                           क , ख ज , झ , ञ                          च , छ ड , द , ण , ड़ , ढ़                  ट , ठ द , ध , न           ...

अन्विति Anviti in Hindi with example

अन्विति ( Anviti hindi definition) :- जब वाक्य के संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद में समान परिवर्तन हो जाता है तो उसे अन्विति (Anviti) कहते हैं। अन्विति का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है:-  Use of Anvati is listed below : (क) कर्तरि प्रयोग (Kartri) :- जिस में क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तरि प्रयोग कहते हैं। यह ज़रूरी है कि कर्ता विभक्ति रहित हो जैसे गीता पुस्तक पढेगी। (ख) कर्मणि प्रयोग (Karmni) :- जिस में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हों उसे कर्मणि प्रयोग कहते हैं। कर्मणि प्रयोग में दो प्रकार की वाक्य रचनाएं मिलती हैं। कर्तृवाच्य की जिन भूतकालिक क्रियाओं के कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगी होती है जैसे राम ने पत्र लिखा। दूसरे कर्मवाच्य में यहाँ कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' परसर्ग लगते हैं लेकिन कर्म के साथ 'को' परसर्ग नहीं लगता जैसे हमसे लड़के गिने गए। (ग) भावे प्रयोग (Bhave) : - इसमें क्रिया के पुरुष लिंग और वचन कर्ता या कर्म के अनुसार न...

Hindu Vivah ke Saat Vachan in Hindi and Sanskrit

There are seven promises of Hindu marriage made by Indian marriage couple (Girl & Boy) to each other. हिन्दू विवाह में सात फेरे और सात वचन होते हैं दूल्हा और दुल्हन विवाह के समय एक-दूसरे से सात वचन लेते हैं। Janiye Hindu vivah ke saat fere ke saat Vachan in Hindi and Sanskrit. हिन्दू विवाह के सात वचन : 1. तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या: । वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी ।। कन्या वर से कहती है कि यदि आप कभी तीर्थ यात्रा में जाएँ, या कोई व्रत इत्यादि करें अथवा कोई भी धार्मिक कार्य करें तो मुझे अपने बाएँ भाग में जरुर स्थान दें। यदि आप ऐसा करने का वचन देते हैं तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूँ। 2. पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या: । वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं द्वितीयम ।। दूसरे वचन में कन्या वर से वचन मांगती है कि जिस प्रकार आप अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं, उसी प्रकार मेरे माता-पिता का भी सम्मान करें और परिवार की मर्यादा के अनुसार, धार्मिक अनुष्ठान करते हुए भगवान के भक्त बने रहें,...