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अंतरराष्ट्रीय दिव्‍यांग दिवस (International Day of Disabled) ANTARRASHTRIYA DIVYANG DIWAS Nibandh in Hindi

अंतरराष्ट्रीय दिव्‍यांग दिवस निबंध
(Antarrashtriya Divyang Diwas Essay in Hindi)

Here is an Essay of International Day of Disabled (Antarrashtriya Divyang Diwas per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning.

प्रत्‍येक वर्ष 3 दिसम्‍बर के दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्‍यांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस जाता है वर्ष 1992 से इस दिन को अंतरराष्ट्रीय रीति-रिवीज़ के रुप में प्रचारित किया जा रहा है

अंतरराष्ट्रीय दिव्‍यांग दिवस को 1992 से पूरी दुनिया में ढ़ेर सारी सफलता के साथ हर साल लगातार मनाया जा रहा है
वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा “दिव्‍यांगजनों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष” के रुप में वर्ष 1981 को घोषित किया गया था
इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज में उनके आत्म-सम्मान, लोक-कल्याण और सुरक्षा की प्राप्ति के लिये दिव्‍यांगजनों की सहायता करना है
प्रत्‍येक वर्ष अंतराष्‍ट्रीय दिव्‍यांग दिवस के लिए एक विशेष थीम होती है अब तक रही दिव्‍यांग दिवस की थीम इस प्रकार हैं

वर्ष 1998 का थीम था “कला, संस्कृति और स्वतंत्र रहन-सहन”।
वर्ष 1999 का थीम था “नयी शताब्दी के लिये सभी की पहुंच”।
वर्ष 2000 का थीम था “सभी के लिये सूचना क्रांति कार्य निर्माण”।
वर्ष 2001 का थीम था “पूर्ण सहभागिता और समानता: प्रगति आँकना और प्रतिफल निकालने के लिये नये पहुंच मार्ग के लिये आह्वान”।
वर्ष 2002 का थीम था “स्वतंत्र रहन-सहन और दीर्घकालिक आजीविका”।
वर्ष 2003 का थीम था “हमारी खुद की एक आवाज”।
वर्ष 2004 का थीम था “हमारे बारे में कुछ नहीं, बिना हमारे”।
वर्ष 2005 का थीम था “विकलांगजनों का अधिकार: विकास में क्रिया”।
वर्ष 2006 का थीम था “ई- एक्सेसिबिलीटी”।
वर्ष 2007 का थीम था “विकलांगजनों के लिये सम्माननीय कार्य”।
वर्ष 2008 का थीम था “विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर सम्मेलन: हम सभी के लिये गरिमा और न्याय”।
वर्ष 2009 का थीम था “एमडीजी का संयुक्त निर्माण: पूरी दुनिया में विकलांग व्यक्तियों और उनके समुदायों का सशक्तिकरण”।
वर्ष 2010 का थीम था “वादे को बनाये रखना: 2015 और उसके बाद की ओर शताब्दी विकास लक्ष्य में मुख्यधारा विकालांगता”।
वर्ष 2011 का थीम था “सभी के लिये एक बेहतर विश्व के लिये एक साथ: विकास में विकलांग व्यक्तियों को शामिल करते हुए”।
वर्ष 2012 का थीम था “सभी के लिये एक समावेशी और सुगम्य समाज उत्पन्न करने के लिये बाधाओं को हटाना”।
वर्ष 2013 का थीम था “बाधाओं को तोड़ें, दरवाज़ों को खोलें: सभी के लिये एक समावेशी समाज और विकास”।
वर्ष 2014 का थीम था “सतत् विकास: तकनीक का वायदा”।
वर्ष 2015 का थीम था “समावेश मायने रखता है: सभी क्षमता के लोगों के लिये पहुंच और सशक्तिकरण”।

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