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विराम चिन्ह Viraam Chinha (Punctuation) - Viram Chinh ke Bhed & Paribhasha

विराम चिन्ह (Viraam Chinha ki Paribhasha / Definition)

What is Viram Chinah? :
भाषा में स्थान विशेष पर रुकने अथवा उतार चढ़ाव आदि दिखाने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उन्हें विराम चिन्ह कहते है !

विराम चिन्ह के भेद और उनका विवरण इस प्रकार है
Viraam Chinha ke bhed / prakar in hindi. There are different types of Viram Chinh / Punctuation. Its symbol, meaning & example are described below :

Viraam Chinha Name & Symbols :
PurnaViram (।), UpViam (:), ArdhViram (;), AlpViram (,), PrashnBodhak (?), VishmayBodhak (!), Nirdeshk Chinh (_), Yojak Chinha (-), Koshthak Chinh(), Uddhran Chinh (""), Laaghav Chinh (O), Vivran Chinh (:-)


1. पूर्ण विराम : ( । )

प्रत्येक वाक्य की समाप्ति पर इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है !

2. उपविराम : ( : )

उपविराम का प्रयोग संवाद लेखन एकांकी लेखन या नाटक लेखन में वक्ता के नाम के बाद किया जाता है !

3. अर्ध विराम : ( ; )

इसमें उपविराम से भी कम ठहराव होता है ! यदि खंडवाक्य का आरंभ वरन, पर, परन्तु , किन्तु, क्योंकि इसलिए, तो भी आदि शब्दों से हो तो उसके पहले इसका प्रयोग करना चाहिए !

4. अल्प विराम : ( , )

इसमें बहुत कम ठहराव होता है !

5. प्रश्नबोधक : ( ? )

6. विस्मयादिबोधक : ( ! )

विस्मय , हर्ष , शोक , घृणा , प्रेम आदि भावों को प्रकट करने वाले शब्दों के आगे इसका प्रयोग होता है !

7. निर्देशक चिन्ह : ( _ )

8. योजक चिन्ह : ( - )

द्वन्द्व समास के दो पदों के बीच, सहचर शब्दों के बीच प्रयोग !

9. कोष्ठक चिन्ह : ( )

10. उदधरण चिन्ह : ( " " )

11. लाघव चिन्ह : ( o )

12. विवरण चिन्ह : ( :- )

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