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वचन VACHAN (Singular Plural) - Vachan ke Bhed & Paribhasha

वचन की परिभाषा (Vachan ki Paribhasha / Definition)

What is Vachan?
संज्ञा अथवा अन्य विकारी शब्दों के जिस रूप में संख्या का बोध हो, उसे वचन कहते हैं !

वचन के दो भेद होते हैं
Vachan ke bhed / prakar in hindi. There are Two types of Vachan / Singular Plural : Ekvachan and Bahuvachan. Its meaning & example described below :

1- एकवचन (Ekvachan / Singular)
संज्ञा के जिस रूप से एक ही वस्तु , पदार्थ या प्राणी का बोध होता है , उसे एकवचन कहते हैं !
उदाहरण - लड़की, बेटी, घोड़ा, नदी आदि !

2- बहुवचन (Bahuvachan / Plural)
संज्ञा के जिस रूप से एक से अधिक वस्तुओं , पदार्थों या प्राणियों का बोध होता है , उसे बहुवचन कहते हैं !
उदाहरण - लड़कियाँ , बेटियाँ , घोड़े , नदियाँ आदि !


एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम इस प्रकार हैं
Ekvachan se Bahuvachan banane ke niyam. Rules to convert Singular Plural in hindi.

1- को एं कर देने से = रात - रातें, बहन - बहनें
2- अनुस्वारी ( . ) लगाने से = डिबिया - डिबियां
3- यां जोड़ देने से = रीति - रीतियां
4- एं लगाने से = माला - मालाएं
5- को कर देने से = बेटा - बेटे

अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंतिम अ को एँ कर देने से शब्द बहुवचन में बदल जाते हैं।
जैसे - पुस्तक -पुस्तकें

आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंतिम ‘आ’ को‘ए’ कर देने से शब्द बहुवचन में बदल जाते हैं। जैसे केला - केले

आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंतिम ‘आ’ के आगे‘एँ’ लगा देने से शब्द बहुवचन में बदल जाते हैं। जैसे कविता - कविताएँ

इकारांत अथवा ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘याँ’ लगा देने से और दीर्घ ई को ह्रस्व कर देने से शब्द बहुवचन में बदल जाते हैं। जैसे नीति - नीतियाँ

जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में या है उनके अंतिम आ को आँ कर देने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे चिड़िया - चिड़ियाँ

कुछ शब्दों में अंतिम उ, ऊ और औ के साथ एँ लगा देते हैं और दीर्घ ऊ के साथन पर ह्रस्व हो जाता है। जैसे वस्तु - वस्तुएँ

दल, वृंद, वर्ग, जन लोग, गण आदि शब्द जोड़कर भी शब्दों का बहुवचन बना देते हैं। जैसे सेना- सेनादल

कुछ शब्दों के रूप ‘एकवचन’ और‘बहुवचन’ दोनो में समान होते हैं। जैसे राजा - राजा, नेता - नेता


एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग :
Ekvachan ke sthan per Bahuvachan ka Prayog. Use of Plural in place of Singular in hindi.

(क) आदर के लिए भी बहुवचन का प्रयोग होता है।
जैसे- गुरुजी आज नहीं आये।

(ख) बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग वह के स्थान पर वे और मैं के स्थान हम का प्रयोग करते हैं
जैसे- आज गुरुजी आए तो वे प्रसन्न दिखाई दे रहे थे।

(ग) केश, रोम, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दाम, होश, भाग्य आदि ऐसे शब्द हैं जिनका प्रयोग बहुधा बहुवचन में ही होता है। जैसे- तुम्हारे केश बड़े सुन्दर हैं, लोग कहते हैं


बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग :
Bahuvachan ke sthan per Ekvachan ka Prayog. Use of Singular in place of Plural in hindi.

(क) तू एकवचन है जिसका बहुवचन है तुम किन्तु सभ्य लोग आजकल लोक-व्यवहार में एकवचन के लिए तुम का ही प्रयोग करते हैं जैसे- मित्र, तुम कब आए।

(ख) वर्ग, वृंद, दल, गण, जाति आदि शब्द अनेकता को प्रकट करने वाले हैं, किन्तु इनका व्यवहार एकवचन के समान होता है। जैसे- सैनिक दल शत्रु का दमन कर रहा है, स्त्री जाति संघर्ष कर रही है।

(ग) जातिवाचक शब्दों का प्रयोग एकवचन में किया जा सकता है। जैसे - सोना बहुमूल्य वस्तु है, मुंबई का आम स्वादिष्ट होता है

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