Skip to main content

हिंदी वाक्य Vakya (Hindi Types and Definition of Sentences)

हिंदी वाक्य की परिभाषा (Vakya - Sentences definition in Hindi)

वक्ता के कथन को पूर्णत: व्यक्त करने वाले सार्थक शब्द समूह को वाक्य कहते हैं।

वाक्य में पूर्णता तभी आती है जब पद सुनिश्चित क्रम में हों और इन पदों में पारस्परिक अन्वय (समन्वय ) विद्यमान हो। वाक्य की शुद्धता भी पदक्रम एवं अन्वय से सम्बंधित है।

वाक्य के भेद:-

Vakya ke bhed / prakar in hindi. There are different types of Sentences. There are two types of Vakya [Rachna ki drashti se ] and [Arth ki drashti se]. Different Types of Vakya definition, meaning & example are described below :

1. रचना की दृष्टि से:-

रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं:

(अ) सरल वाक्य
(ब) संयुक्त वाक्य
(स) मिश्रित वाक्य

(अ) सरल वाक्य:-
जिन वाक्यों में एक मुख्य क्रिया हो, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं। जैसे पानी बरस रहा है।

(ब) संयुक्त वाक्य:-
जिन वाक्यों में साधारण या मिश्र वाक्यों का मेल संयोजक अव्ययों द्वारा होते है उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं, जैसे राम घर गया और खाना खाकर सो गया।

(स) मिश्रित वाक्य:-
इनमें एक प्रधान उपवाक्य होता है और एक आश्रित उपवाक्य होता है जैसे राम ने कहा कि मैं कल नहीं आ सकूंगा।


2. अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद:-

अर्थ की दृष्टि आठ प्रकार के होते हैं: -

(1) विधानार्थक :- जिसमें किसी बात के होने का बोध हो। जैसे मोहन घर गया।

(2 ) निषेधात्मक :- जिसमें किसी बात के न होने का बोध हो। जैसे सीता ने गीत नहीं गाया।

(3) आज्ञावाचक :- जिसमें आज्ञा दी गई हो। जैसे यहां बैठो।

(4) प्रश्नवाचक :- जिसमें कोई प्रश्न किया गया हो। जैसे तुम कहाँ रहते हो?

(5) विस्मयवाचक :- जिसमें किसी भाव का बोध हो। जैसे हाय, वह मर गया।

(6) संदेहवाचक :- जिसमें संदेह या संभावना व्यक्त की गई हो। जैसे वह आ गया होगा।

(7) इच्छावाचक :- जिसमें कोई इच्छा या कामना व्यक्त की जाए। जैसे ईश्वर तुम्हारा भला करे।

(8) संकेतवाचक :- जहाँ एक वाक्य दूसरे वाक्य के होने पर निर्भर हो। जैसे यदि गर्मी पड़ती तो पानी बरसता।

Popular posts from this blog

घोष और अघोष Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets in Hindi

घोष और अघोष (Ghosh and Aghosh Varn - Alphabets) :-  ध्वनि की दृष्टि से जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' घोष ' कहते है और जिनमें स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नहीं होती उन्हें ' अघोष ' व्यंजन कहते हैं !  ये घोष - अघोष व्यंजन इस प्रकार हैं -  In Hindi, See below Ghosh and Aghosh Varn : घोष                                   अघोष ग , घ , ङ                           क , ख ज , झ , ञ                          च , छ ड , द , ण , ड़ , ढ़                  ट , ठ द , ध , न           ...

अन्विति Anviti in Hindi with example

अन्विति ( Anviti hindi definition) :- जब वाक्य के संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद में समान परिवर्तन हो जाता है तो उसे अन्विति (Anviti) कहते हैं। अन्विति का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है:-  Use of Anvati is listed below : (क) कर्तरि प्रयोग (Kartri) :- जिस में क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तरि प्रयोग कहते हैं। यह ज़रूरी है कि कर्ता विभक्ति रहित हो जैसे गीता पुस्तक पढेगी। (ख) कर्मणि प्रयोग (Karmni) :- जिस में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हों उसे कर्मणि प्रयोग कहते हैं। कर्मणि प्रयोग में दो प्रकार की वाक्य रचनाएं मिलती हैं। कर्तृवाच्य की जिन भूतकालिक क्रियाओं के कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगी होती है जैसे राम ने पत्र लिखा। दूसरे कर्मवाच्य में यहाँ कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' परसर्ग लगते हैं लेकिन कर्म के साथ 'को' परसर्ग नहीं लगता जैसे हमसे लड़के गिने गए। (ग) भावे प्रयोग (Bhave) : - इसमें क्रिया के पुरुष लिंग और वचन कर्ता या कर्म के अनुसार न...

केरल - About KERALA in Hindi Nibandh

केरल (Kerala in Hindi) Here is an Essay on Kerala (Kerala per Nibandh) written with some easy lines in Hindi and English meaning. केरल के बारे में जानकारी हिंदी में पढ़े। केरल भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) है। इस राज्य की राष्ट्रीय सीमाएं तमिलनाडु (Tamil Nadu) और कर्नाटक (Karnataka) है। केरल की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी। यहॉ की राजकीय भाषा मलयालम और अंग्रेजी है। इस राज्य का क्षेञफल 38863 वर्ग किलो मीटर है। विज्ञापनों में केरल को 'ईश्वर का अपना घर' कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में केरल ही एक मात्र ऐसा राज्य है जो अपने मसालों की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। भारत के राज्यों में केरल का साक्षरता दर में पहला स्थान है। केरल में सडकों की कुल लंबाई 138196 किमी है। इस राज्य में रेलवे लाइन की कुल लंबाई 1148 किमी है। राज्य के सबसे बडे शहर कोच्चि, कोझिकोड, पालक्काड हैं। राज्य की प्रमुख फसलें नारियल, चावल, रबड, काली मिर्च, इलाइची, कॉफी, काजू, दालचीनी हैं। राज्य की प्रमुख नदियां कावेरी, पेरियार, पंपा, मणिमाला, नेन...